-
दमदमी टकसाल कौम की चढ़दी कला के लिए अहम भूमिका अदा करती आई है: ज्ञानी जगतार सिंह
-
संत भिंडरावालों की तरफ से खून देकर सृजे गए इतिहास पर आने वाली पीढ़िया सदैव गर्व महसूस करेंगी: बाबा हरनाम सिंह ख़ालसा
मेहता चौक, 6 जून (आकाशमीत) जून 84 के घल्लूघारे के समूह शहीदों और दमदमी टकसाल के 14वें प्रमुख अमर शहीद संत ज्ञानी जरनैल सिंह जी ख़ालसा भिंडरावालों की पवित्र याद को समर्पित 36वें महान शहीदी समागम दमदमी टकसाल के हैड कुआरटर गुरुद्वारा गुर दर्शन प्रकाश मेहता में दमदमी टकसाल के प्रमुख और संत समाज के प्रधान संत ज्ञानी हरनाम सिंह ख़ालसा के योग्य नेतृत्व में पूरी श्रद्धा भावना और भारी उत्साह के साथ मनाया गया।
दमदमी टकसाल के प्रमुख की तरफ से लाकडाऊन के कारण संगत को घरों में रह कर शहीदों को श्रद्धांजलि भेंट करने के लिए अपील की थी। इसके बावजूद सिख संगतों ने काफी संख्या में उपस्थित होकर शहीदों प्रति प्रेम को उजागर किया।
इस मौके श्री दरबार साहिब के हैड ग्रंथी सिंह साहब ज्ञानी जगतार सिंह ने दमदमी टकसाल के प्रमुख संत बाबा हरनाम सिंह ख़ालसा की तरफ से पंथ को एक श्रृंखला में पिरोने के लिए डाले जा रहे योगदान की प्रंशसा की। उन्होने कहा कि दमदमी टकसाल कौम की चढ़दीकला के लिए अहम भूमिका अदा करती आई है। संत जरनैल सिंह ख़ालसा भिंडरावालों ने कौम के आत्म सम्मान और शान के लिए लड़ाई ली और अपना बलिदान देकर सोई हुई कौम को जगाया।
दमदमी टकसाल के प्रमुख बाबा हरनाम सिंह ख़ालसा ने मुखवाक की कथा दौरान महांबली सतगुरू श्री गुरु हरगोबिंद जी के प्रकाश पर्व की बधाई दी। उन्होने जून 84 के समूह शहीदों को श्रद्धाँजलि भेंट करते संत भिंडरावालों के नेतृत्व में सिख कौम की आन शान और गुरूधामों की रक्षा के लिए अपना आप न्यौछावर करने वाले शहीद भाई अमरीक सिंह प्रधान आल इंडिया सिख स्टूडैंट्स फेडरेशन, जत्थेदार बाबा ठाहरा सिंह, जनरैल भाई सुबेग सिंह आदि के परोपकारों से अवगत करवाया।
शिरोमणी कमेटी के प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लोंगोवाल की तरफ़ से बोलते शिरोमणी कमेटी के महा सचिव हरजिन्दर सिंह धामी ने कहा कि दमदमी टकसाल के प्रमुख संत हरनाम सिंह ख़ालसा पंथ के बड़े कार्य और बड़ी जिम्मेवारियों को बाखूबी निभा रहे हैं। उन्होने कहा कि संत जरनैल सिंह ख़ालसा भिंडरावालों ने अपनी खून के साथ कौम की रूह को सींचा। संत जी राष्ट्रीय नायक, कहनी और कथनी के पूरे थे, जिन लाखों प्राणियों को अमृत छका कर गुरू के साथ जोड़ा था।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान जत्थेदार मनजीत सिंह जी.के. ने कहा कि दमदमी टकसाल की पंथ को बहुत बड़ी देने है। गुरबानी प्रचार प्रसार, शहादतों और ऐतिहासिक गुरूधामों की सेवा संभाल जैसे हर क्षेत्र में टकसाल आगे रही है।
इस मौके श्री अकाल तख़्त साहब के पूर्व जथेदार सिंह साहिब भाई जसबीर सिंह ख़ालसा, नामवर सिख प्रचारक बाबा बंता सिंह मुंडा पिंड आदि ने भी संबोधन किया। इस अवसर पर ईशर सिंह, सिंह साहिब ज्ञानी गुरमिन्दर सिंह, ज्ञानी अमरजीत सिंह (दोनों ग्रंथी श्री दरबार साहिब), भाई सुलतान सिंह, भाई राजदीप सिंघ, भाई रजिन्दर सिंह मेहता सीनियर उपाध्यश्र शिरोमिण कमेटी, भाई अमरजीत सिंह चावला, भाई अजायब सिंह अभ्यासी, एडवोकेट भगवंत सिंह स्यालका, संत चरनजीत सिंघ जस्सोवाल, भाई राम सिंह, भाई कुलदीप सिंह, ज्ञानी हरमितर सिंह कथावाचक मंजी साहिब, भाई जगतार सिंह, एक्सीएन जतिन्दर सिंहह भंगू, भाई बाबा प्रदीप सिंह बोरेवाले, अमरबीर सिंह ढोट प्रधान फेडरेशन, बाबा सज्जन सिंह, बाबा गुरभेज सिंह खजाला, बाबा गुरदीप सिंह खजाला, बाबा दिलबाग सिंह, गगनदीप सिंह फेडरेशन, बाबा लक्खा सिंह, बाबा मनमोहन सिंह, बाबा बीर सिंह भंगाली, बाबा करमजीत सिंह टिब्बा साहिब, माता कुलवंत कौर मंडा गाँव, बाबा सुरजीत सिंह, बाबा मेजर सिंह, बाबा दर्शन सिंह टाहला साहिब, बाबा नवतेज सिंह, बाबा मन्ना सिंह, बाबा धर्म सिंह व अन्य उपस्थित थे।