डा.ओबराय की बदौलत गुरमुख व गुरजंट के मा‌ता-पिता ने किए लाडलों के अंतिम दर्शन

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    राजासांसी हवाई अड्डे पर मृतक शव को प्राप्त करने मौके पारिवारिक मैंबर और मृतक गुरमुख सिंह तथा मृतक गुरजंट सिंह की फाइल फोटो।

    गत रात्रि दोनों युवाओं के शव दुबई से वतन पहुंचे

    अमृतसर, 17 जुलाई (राजिन्द्र धानिक): घर और ज़मीने गिरवी रखकर अपने परिवारों को आर्थिक मंदहाली में से बाहर निकालने के लिए खाड़ी देशों में जाकर मज़दूरी करने वाले लोगों के लिए फरिश्ता के तौर पर जाने जाते दुबई के प्रसिद्ध कारोबारी और सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक डा.एसपी सिंह ओबराय के विशेश यतनों सदका धूरी (संगरूर) से संबंधित 38 वर्षीय गुरमुख सिंह और तरनतारन जिले के गांव गगड़ेवाल के 29 वर्षीय गुरजंट सिंह के शव बीती देर रात दुबई से श्री गुरु रामदास अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अमृतसर पहुंचे।
    इस सबंधघी जानकारी देते मृतक गुरमुख सिंह के भाई दर्शन सिंह, रिश्तेदार हंसराज और राजू सिंह ने बताया कि गुरमुख सिंह गरीब से परिवार को बाहन निकालने के लिए करीब 2 साल पहले दुबई गया था कि इस साल कोरोना महामारी से पैदा हुए हालात के कारण कामकाज बंद होने के कारण परेशान गुरमुख सिंह की गत 2 जुलाई को दिल का दौरा पड़ने से अचानक मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि दुबई स्थित भारतीय दूतावास ने डा. ओबराय से संपर्क करके उनको गुरमुख सिंह की मौत बारे बताते हुए इसके परिजनों को ढूंढने के बारे में कहा था। जिस पर डा. ओबराय की तरफ से उनके साथ संपर्क करके उनके परिवार पर टूटे इस कहर की जानकारी दी थी। जब उनके इलाके के गणमान्य लोगों को इस घटना बारे पता लगा तो उन्होंने भी अपने स्तर पर डा. ओबराय से संपर्क कर गुरमुख के परिवार की बहुत ही पतली आर्थिक हालत का हवाला देते उसकी मृतक देह भारत लाने की विनती की थी।
    दूसरी तरफ मृतक गुरजंट सिंह के पिता गुरमंगत सिंह, भाई बलजीत सिंह और गुरसेव सिंह ने बताया कि गुरजंट सिंह 3 साल पहले कर्ज़ उठा कर दुबई गया था और वह वहां पत्थर का काम करता था। उन्होंने बताया कि बीती 30 जून को अचानक दिल का दौरा पड़ने से दुबई में उसकी मौत हो गई थी। जिस बारे में डा. ओबराय से दुबई रहते गुरजंट के चाचा ने बातचीत करके उनको उस की मृतक देह वापस भेजने के लिए प्रार्थना की थी। उसके परिजनों ने रोते हुए बताया कि गुरजंट दुबई जाने के बाद अपने घर पैदा हुई अपनी 3 साल की बेटी का मुंह देखे बगैर ही इस दुनिया से हमेशा के लिए चला गया है। दोनों पीडित परिवारों ने डा.एसपी सिंह ओबराय का इस मुश्किल घड़ी में बड़ा साथ देने के लिए विशेष तौर पर धन्यवाद करते हुए कहा कि यदि डा. ओबराय उनकी मदद न करते तो वह अपने बेटों के अंतिम दर्शन कभी भी न कर डालते। इस संबंधी जानकारी देते हुए ट्रस्ट के संस्थापक डा. एस.पी सिंह ओबराय ने दोनों पीडित परिवारों के साथ दुख सांझा करते बताया कि सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से अब तक अलग-अलग देशों से 180 लोगों के मृतक शरीर उनके वारिसों तक पहुंचाएं जा चुके हैं और मृतकों के जरूरतमंद परिवारों को घर गुज़ारे के लिए ट्रस्ट की तरफ से महीनेवार पैंशन भी दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि ट्रस्ट की तरफ से पिछले 6 दिनों अंदर ही 3 मृतक शरीर दुबई से भारत लाए गए हैं, जबकि 4 और बदनसीब नौजवानों के मृतक शरीर आगामी एक-दो दिन में वतन लाए जाएंगे। ज़िक्रयोग्य है कि यह मृतक देहों भारत भेजने में डा. ओबराय और निजी सचिव बलदीप सिंह चाहल और भारतीय दूतावास ने भी विशेष भूमिका निभाई है। इस मौके ट्रस्ट से सुखदीप सिद्धू, सुखजिन्दर सिंह हेर, मनप्रीत संधू,शिशपाल सिंह लाडी और नवजीत सिंह घई भी मौजूद थे।

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