तीन लाख अनुसूचित जाति के छात्रों का भविष्य खराब ना करे काॅलेज: प्रो. लाल

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अमृतसर, 25 सितंबर (पवित्र जोत) : पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. दरबारी लाल ने प्राईवेट काॅलेजिस के सगंठनो द्वारा अनुसूचित जातियो से संबधित विद्यार्थियों को वर्तमान सैशन में प्रवेश बंद करने पर सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहा कि संगठन का यह फैसला अति चिंताजनक, अफसोसनाक और विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के साथ सरासर खिलवाड़ हैं। यह विद्यार्थी पोस्ट मैट्रिक वजीफा स्कीम के तहत आते है। सरकार की तरफ से इनकी फीस काॅलेजों को दी जाती है। यह एससी छात्रों को उच्चशिक्षा देने में सरकार की वचनबद्धता है। काॅलेजिस संगठनो ने यह भी कहा है कि इन विद्यार्थियों को परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा और डिग्रीस भी पूरी फीस लेने के बाद भी दी जाएगी। हकीकत में यह तुगलकी फैसला ना तो लोग बर्दाश्त करेंगे ना ही सरकार।
प्रो. लाल ने कहा कि अनुसूचित जातियो के विद्यार्थियों के फीस न दे पाने पर शिक्षा संस्थानों से नाम भी काट दिए जाएंगे। इससे अभिभावकों की परेशानी बढ़ेगी और विधार्थी मानसिक तौर पर विचलित हो जाएगे। इससे अध्यापक और विद्यार्थियों के मधुर संबंधो पर प्रभाव पड़ेगा। प्रो. लाल ने कहा कि अनुसूचित जातियो और पिछडी जातियों के लोग हजारों सालो से गुरबत की दलदल मे फंसे होने के कारण अपनें बच्चो को अच्छी शिक्षा नहीं दिला सके। शिक्षा महंगी होने के कारण अन्य वर्गो के लोगों को भी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने यदि काॅलेजिस को इन विद्यार्थियों की फीस नहीं दी तो इसमे विधार्थियों का क्या कसूर है। यह सच है कि बहुत सारे काॅलेजों की माली हालत खराब है पर इन विद्यार्थियों को बाहर रखने से क्या काॅलेजों की माली हालत सुधर जाएगी? काॅलेज एसोसिएशन को सरकार से बातचीत करके इस मसले का हल निकालना चाहिए।
प्रो. लाल ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर मांग की है कि अनुसूचित जातियो और अन्य पिछड़े वर्ग के छात्रों को प्रवेश के लिए सभी काॅलेजों के प्रिंसिपल साहिबान को दिशा-निर्देश दिए जाए और साथ ही इन विधार्थियों से संबधित फीस देने का भी प्रबंध किया जाए। ताकि विद्यार्थी शिक्षा हासिल करके राष्ट्र की सेवा कर सके।

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