मजीठा रोड़ पर कई घंटों के धरने दौरान पुलिस प्रशासन के खिलाफ की जमकर नारेबाजी
अमृतसर, 24 जून (आकाशमीत): पुलिस की कारवाई से असंतुष्ट परिवारिक सदस्यों ने मुहल्लावासियों के सहयोग से मजीठा रोड़ को जाम करते हुए सड़क जाम दौरान कई घंटे जमकर नारेबाजी करते हुए रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि 21 मई 2012 को मौत का शिकार हुई डा. सिमरन की मौत के मामले में पुलिस द्वारा दूसरे पक्ष का साथ दिया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मृतका की शादी 1 फरवरी 2019 को अमृतसर निवासी दिलबाग सिंह पुत्र सर्बजीत सिंह के साथ हुई थी। मगर सिमरन को विवाह के पश्चात दहेज़ के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। सिमरन के साथ अकसर ससुराल वाले मारपीट भी करते थे। स्थानीय अस्पताल में काम करने वाली डा. सिमरन ने 21 मई 2020 को अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी। डॉ. सिमरन की माता फूला रानी निवासी नेहरू कालोनी मजीठा रोड़ ने डी.जी.पी. विजीलैंस ब्यूरो को पत्र लिखकर मांग की कि इलाके से सबंधित चौंकी के अधिकारी द्वारा डा. सिमरन के ससुराल वालों का साथ दिया जा रहा है। उन्होने कहा कि हमें हमारी बेटी की मौत में शामिल लोगों के खिलाफ कारवाई करके इंसाफ दिया जाए। धरने दौरान आने-जाने वाले लोगों को भारी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा।
प्रदर्शन के दौरान पहुंचे ए.सी.पी. नार्थ ने प्रदर्शनकारियों को चौंक खंडेवाला मजीठा रोड़ पर लगाए धरने से उठने के लिए बातचीत भी की मगर प्रदर्शनकारियों ने देर सायं तक अपना प्रदर्शन जारी रखा। ए.सी.पी. सर्बजीत सिंह ने पत्रकारों को बताया कि डा. सिमरन के परिवारिक सदस्यों के ब्यानों के आधार पर मामला दर्ज करके मृतका के पति को जेल भेजा जा चुका है। अगर किसी को किसी बात की शंका है तो वह उच्च अधिकारियों से बातचीत कर सकते हैं। उसकी सुनवाई करते हुए मामले की जांच करवाई जा सकती है। उन्होने कहा कि कोरोना काल के चलते हुए सड़कों पर ऐसे रोष प्रदर्शन दौरान यातायात जाम करना नियमों के खिलाफ है।