48 घंटों में टीम देगी रिपोर्ट
जो भी दोषी हुआ उस विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जायेगी -डिप्टी कमिश्नर
अमृतसर 24 अप्रैल (राजिंदर धानिक )-अमृतसर के एक निजी अस्पताल में आक्सीजन की कमी कारण देर रात हुई 6 मौत पर गहरा दुख प्रकटाते डाक्टरी शिक्षा और खोज मंत्री ओ पी सोनी ने कहा कि यदि अस्पताल के प्रबंधक आक्सीजन की कमी बारे रात भी हमारे ध्यान में ला देते तो हम यह मौका न आने देते। सोनी ने कहा कि रात ही गुरू नानक मैडीकल कालेज और अमृतसर के एक ओर निजी अस्पताल में आक्सीजन की कमी आई थी, जिस को ज़िला प्रशासन की सहायता के साथ रात डेढ़ बजे तक समय लगा कर पूरा कर किया। उन्होंने कहा कि मैं इस बाबत आधी रात तक मुख्य सचिव पंजाब के साथ फ़ोन पर संपर्क में रहा। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश हरेक मरीज़ की जान बचाने के लिए है, चाहे वह सरकारी अस्पताल में दाख़िल हो या निजी। शसोनी ने कहा कि रात उक्त अस्पताल में जो भी हुआ वह पहले निजी अस्पताल प्रबंधकों की अणगेहली महसूस हो रही है, परन्तु डिप्टी कमिशनर अमृतसर गुरप्रीत सिंह खेहरा ने इस की जांच के लिए पी सी एस अधिकारी रजत उबराए और सिवल सर्जन डा. चरनजीत सिंह के नेतृत्व में समिति गठित की है, जो कि आज भी उक्त अस्पताल में जांच करके आए हैं। सोनी ने कहा कि जांच में जो भी दोषी पाया गया उस विरुद्ध सख़्त कानूनी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि आक्सीजन की स्पलाई में पूरे देश की तरह हमारे भी बड़ी कमी है और केवल हमारी मैडीकल ज़रूरतों ही पुरी हो रही हैं, इस लिए सभी अस्पतालों के प्रबंधकों को हिदायत की गई है कि वह इस की फ़ाल्तू प्रयोग को बंद करने और केवल ज़रूरत समय पर ही आक्सीजन का प्रयोग की जाये। सोनी ने सभी निजी अस्पतालों को स्पष्ट किया कि यदि आपके पास इलाज के लिए साधन पूरे नहीं तो आप मरीजों को गुरू नानक मैडीकल कालेज में तबदील कर दो, हमारे पास 250 से अधिक बैंड अभी भी खाली पड़े हैं।
इस मौके संसद मैंबर गुरजीत सिंह औजला ने भी आक्सीजन की स्पलाई पर चिंता जाहिर करते यह मुद्दा केंद्र सरकार के पास उठाने का भरोसा देते कहा कि आप इस का प्रयोग और बाँट का सही कंट्रोल रखो, मैं केंद्र के सेहत मंत्री के पास से पंजाब के लिए ओर कोटो की माँग करता हैं क्योंकि आक्सीजन बनाने का मुख्य साधन पंजाब से बाहर के राज्यों में ही हैं, जहाँ से सभी देश को इस की स्पलाई की जा रही है।
इस मौके डिप्टी कमिशनर स. गुरप्रीत सिंह खेहरा ने बताया कि अब तक की जांच में यह बात सामने आई है, निजी अस्पताल में मरे मरीजों में से 4कोरोना के और 2ओर बीमारियों के पीडित थे। अस्पताल के पास स्टाक में 30 सिलंडर थे, परन्तु वह 5सिलंडरों के साथ ही अपना काम चला रहा था। उन्होंने कहा कि अस्पताल की बड़ी लापरवाही यह है कि इस ने आक्सीजन की कमी जैसा गंभीर मुद्दा हमारे के साथ सांझा तक नहीं किया। उन्होंने बताया कि प्राप्त जानकारी अनुसार सभी मौतें रात करीब डेढ़ बजे से तीन बजे दरमियान हुई। उन्होंने बताया कि हम आक्सीजन की किल्लत में सभी अस्पतालों को उन की ज़रूरत अनसुार आक्सीजन मुहैया करवा रहे हैं और कल इंडियन मैडीकल एसोसिएशन की मीटिंग में भी डाक्टरों को स्पष्ट किया गया था आप अपने -अपने आक्सीजन स्पलाई कर दिया के साथ संपर्क रखो और यह डाटा हमारे के साथ सांझा करते रहो। इस के इलावा भी यदि कोई परेशानी आए तो मेरे ध्यान में लाओ।
खेहरा ने बताया कि हम गुरू नानक अस्पताल को केवल कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित कर दिया है और सिवल अस्पताल को ओर दूसरों बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल करा जायेगा। मीटिंग में मेयर करमजीत सिंह रिंटू, विधायक डा. राज कुमार वेरका, सुनील दत्ती, इन्दरबीर सिंह बुलारिया, पुलिस कमिशनर डा. सुखचैन सिंह गिल, मुख्य प्रसाशक पुड्डा पलवी चौधरी, अतिरिक्त कमिशनर सन्दीप ऋषि, रजत उबराए, प्रिंसिपल राजीव देवगन, सिवल सर्जन डा. चरनजीत सिंह, एस डी एम अलका कालिया और विकास हीरा समेत ओर सीनियर आधिकारियों ने मौजूदा संकट पर विचार -चर्चा करके आगे वाली रूप रेखा बनायी।