सरबत दा भला ट्रस्ट जेलों में खोलेगा डायगनोज़ सैंटर और लैबारटरियां

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पहले पड़ाव में 6 जिलों की केंद्रीय जेलों का किया चयन

एक लैबारटरी पर 25 से 30 लाख रुपए के करीब आऐगा खर्च

अमृतसर,18 अप्रैल ( पवित्र जोत)- बिना किसी से एक पैसा भी इकट्ठा की अपनी जेब में से ही हर साल करोड़ों रुपए ख़र्च करके देश विदेश अंदर ज़रूरतमंदों की कठिन समय पर बाज़ू पकड़ने वाले सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक और दुबई के प्रसिद्ध कारोबारी डा.एस.पी. सिंह ओबराए ने अब पंजाब सरकार के सहयोग के साथ राज्य की सभी जिलों के अंदर बंद कैदियों की सेहत को मुख्य रखते हुए जेल में डायगनोज़ सैंटर और लैबोरेटरियाँ खोलने का फ़ैसला किया है।
इस सम्बन्धित जानकारी सांझी करते ट्रस्ट के प्रमुख डा.ऐस.पी. सिंह ओबराए ने बताया कि कैदियों के फिर वसेबे, भलाई और शिकायतों के निपटारो के लिए बने जेल बोर्ड के मैंबर होने के नाते उन्होंने पिछले दिनों पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ आनलाइन हुई एक विशेष मीटिंग दौरान मुख्य मंत्री को जेल के अंदर बंद कैदियों के सेहत पक्ष के इलावा बीमार कैदियों को जेल से बाहर ला कर टैस्ट कराने की मुश्किल और खर्चीली प्रक्रिया का हवाला देते सरबत दा भला ट्रस्ट की तरफ से जेल के अंदर डायगनोज़ सैंटर और लैबोरेटरियाँ खोलने की तजवीज़ रखी थी। जिस पर मुख्य मंत्री की तरफ से तुरंत अपनी सहमति देते इस प्रपोजल पर मोहर लगा दी थी। उन्होंने बताया कि इस उपरांत जेल मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा के साथ हुई उन की मीटिंग दौरान उन्होंने सांझे रूप में यह फ़ैसला किया कि इस प्रोजैक्ट के पहले पड़ाव के अंतर्गत 6 जिलों अमृतसर, पटियाला, गुरदासपुर, लुधियाना, जालंधर, फरीदकोट की केंद्रीय जेलों में डायगनोज़ सैंटर और लैबोरेटरियाँ खोलीं जाएंगी जबकि अगले पड़ाव में बाकी बचते जिलों की केंद्रीय और सब जेलों में भी यह सुविधा दी जायेगी। उनहोंने यह भी बताया कि एक लैबारटरी खोलने पर उन का करीब 25 से 30 लाख रुपए का खर्चा आऐगा और इस अंदर प्राईवेट लैबोरेटरियाँ के मुकाबले केवल 10 प्रतिशत भाव लागत मूल्य ही वसूला जायेगा। जिस के साथ जहाँ कैदियों को जेल अंदर ही एक बड़ी सुविधा मिलेगी वहां ही सरकार की तरफ से कैदियों को टैस्ट आदि कराने के लिए जेल से बाहर ले कर जाने पर सक्युरिटी आदि पक्ष से आते बड़े ख़र्च से भी निजात मिलने के साथ-साथ समय की भी बचत होगी।
डा.ओबराए अनुसार कैबिनेट मंत्री रंधावा ने उन को पूर्ण भरोसा दिया है कि इस सभी प्राजैकट दौरान वह निजी रूचि लेकर ट्रस्ट को पक्ष से सहयोग देंगे, जिस सम्बन्धित उन्होंने जेल विभाग के उच्च आधिकारियों को हिदायतें भी जारी कर दीं हैं और ट्रस्ट की टीमें से तरफ से एक हफ़्ते के अंदर सभी जेलों का सर्वेक्षण करने उपरांत बहुत ही जल्द जेलों में लैबोरेटरियाँ काम करना शुरू कर देंगी।

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