डा.ओबराए के प्रयासों से  37 साला नौजवान का मृतक शरीर दुबई से वतन पहुंचा

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माता पिता पूरी तरह जाँच पड़ताल करने उपरांत ही अपने बच्चों को भेजने विदेश: डा.ओबराए

अमृतसर,24 फरवरी (   राजिंदर धानिक ) – अपने परिवारों को आर्थिक मंदहाली में से निकालने के लिए   खाड़ी मुल्कों में मज़दूरी करने गए लोगों की हर मुश्किल घड़ी में रहबर बन सेवा रूपी मदद करने वाले दुबई के प्रसिद्ध कारोबारी और सरबत दा भला ट्रस्ट चैरिटेबल ट्रस्ट के सरप्रस्त डा.एस.पी.सिंह ओबराए के बड़े प्रयासों से जालंधर शहर के साथ सम्बन्धित 37 वर्षीय बलजीत सिंह पुत्र मोहन सिंह का मि्तक शरीर आज दुबई से श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अमृतसर में पहुँचा।
इस सम्बन्धित जानकारी सांझी करते सरबत दा  भला चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक डा.एस पी सिंह ओबराए ने बताया कि बलजीत सिंह करीब पाँच साल पहले अपने परिवार के आर्थिक हालातों को सुधारने की कोशिश में दुबई मेहनत मज़दूरी करने के लिए गया था कि बीती 29 जनवरी को अचानक दिल का दौरा पड़ने कारण उस की मौत हो गई थी। उन्होंने बताया कि मृतक के परिवार ने सोसल मीडिया के द्वारा उनके साथ संपर्क किया तो उन्हों ने सारी जानकारी एकत्रित करने उपरांत तुरंत अपेक्षित सारी कागज़ी कार्यवाही मुकम्मल करवा कर भारतीय दूतावास के बड़े सहयोग से आज बलजीत सिंह का मृतक शरीर ला कर ट्रस्ट की अमृतसर इकाई के प्रधान सुखजिन्दर सिंह,जनरल सचिव मनप्रीत संधू,वित्त सचिव नवजीत सिंह घई और उप प्रधान शिशपाल सिंह लाडी की मौजुदगी में हवाई अड्डे से प्राप्त कर कर परिवार को सौंप दिया है। उनहोंने यह भी बताया कि इस मृतक देह को भारत भेजने का खर्चा भारतीय दूतावास की तरफ से किया गया है जब कि मृतक की पत्नी जो कि मृतक देह के साथ आज ही दुबई से भारत आई है,उस की टिकट का ख़र्च सरबत दा  भला चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से किया गया।
डा.ओबराए ने बताया कि वह अब तक 218 बदनसीब लोगों के मि्तक शरीर वारिसों तक पहुँचा चुके हैं। उन्होंने माता पिता से अपील करते कहा कि वह पूरी तरह जांच पड़ताल करन उपरांत ही अपने बच्चों को विदेशों अंदर भेजने।
हवाई अड्डे और दुबई से पहुँची मृतक की पत्नी सुनीता के इलावा मृतक के भाई सरबजीत सिंह, सन्दीप सिंह,चाचा दविन्दर सिंह, जीजा सतनाम कुमार आदि बलजीत की मृतक देह ले कर आने पर डा.एस पी सिंह  का तह दिल से शुकराना करते बताया कि मृतक शरीर भारत ले कर आना उनके बस की ही बात नहीं थी। उन कहा कि डा.ओबराए की वजह से ही बलजीत के बुज़ुर्ग माँ बाप,छोटे -छोटे बच्चों पर ओर रिश्तेदारों को उस के अंतिम दर्शन करने नसीब हुए हैं।
ज़िक्रयोग्य है कि इस मृतक देह को भारत भेजने के लिए डा.ओबराए के निजी सचिव बलदीप सिंह चाहल ने भी विशेष भूमिका निभाई है।

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