गुरु, शिष्य को अंधकार से निकालकर प्रकाश की ओर  ले जाते है :तरुण चुघ

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भारतवर्ष में गुरु शिष्य परंपरा श्रुति स्मृति के रूप में आदिकाल से चली आ रही : तरुण चुघ

अमृतसर 24 जुलाई (पवित्र जोत) – भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर श्री जगन्नाथ पुरी स्थित श्री गोवर्धन पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी का आशीर्वाद प्राप्त किया।

चुघ ने गुरु पूर्णिमा का महत्त्व बताते हुये कहा की हिंदू धर्म के अनुसार आदिगुरु महर्षि वेद व्यास की जन्म तिथि आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है। आज के दिन लोग अपने गुरुओं की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते है। कहा जाता है कि बिना गुरु दीक्षा के लिए व्यक्ति का जाप, पूजा-पाठ आदि  निष्‍फल रह जाता है ।

चुघ ने कहा की जिन लोगों ने अपने गुरु की दीक्षा ली है वे लोग आज के दिन अपने गुरु की पूजा करते हैं। जिन लोगों ने दीक्षा नहीं ली है वे किसकी पूजा करें।

चुघ ने कहा कि इस संबंध मे हमारे धर्म-पुराणों में कहा गया है कि ऐसे लोग भगवान विष्‍णु को अपना गुरु मानकर उनकी पूजा करें। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना गुरु के रूप में की जाती है ।

चुघ ने कहा कि भारतवर्ष में गुरु शिष्य परंपरा श्रुति स्मृति के रूप में आदिकाल से चली आ रही है। महाभारत काल में देश में गुरुओं का स्थान सबसे ऊंचा रहा है । गुरु, शिष्य को अंधकार से निकालकर प्रकाश की ओर (सही मार्ग पर) ले जाते है । शिष्यों द्वारा शिक्षकों, गुरुओं को सम्मान देने के लिये गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया जाता है ।

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