दांतो की मुश्किल बच्चों को मानसिक व शारीरिक तौर पर कमजोर करती है : डा नवदीप कौर

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विश्व मौखिक सेहत दिवस पर विशेष

अमृतसर 30 मार्च (पवित्र जोत) : छोटे बच्चों को अगर दांतो की मुश्किल होती है तो उसका असर शरीर और मानसिक विकास पर पड़ता है जिसके बचाव को लेकर माताओं को अपने बच्चों के मुंह की देखभाल की जरूरत है। यह शब्द बच्चों के रोगों के माहिर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ नवदीप कौर ने विश्व सेहत दिवस पर खास बातचीत दौरान व्यक्त किए।
डॉ नवदीप ने बताया कि माताओं को चाहिए कि वह हर बार बच्चे को दूध पिलाने के बाद गीले कपड़े से उसकी जुबान को साफ करते रहे रात के समय लेटे हुए बच्चे को अपना दूध ना पिलाएं। पहले 6 महीने तो सिर्फ मां का दूध ही बच्चों के लिए लाभदायक है लेकिन किसी कारण बच्चे को बोतल का दूध पिलाया जाता है तो उसका इस्तेमाल सिर्फ साल डेढ़ साल तक ही करना चाहिए उसके बाद कप या चम्मच का इस्तेमाल करना चाहिए।
डॉ नवदीप ने बच्चों के दांत व मुंह की देखरेख संबंधी बताया कि बच्चे के 6 से 8 महीने की आयु में दांत आने शुरू हो जाते हैं जब तक पूरे दूध के दांत नहीं आ जाते तब तक फिंगर ब्रश का इस्तेमाल किया जाए। करीब साढ़े 3 साल की आयु तक सभी दांत आने के बाद छोटे ब्रश के साथ बच्चों के दांत की सफाई करनी चाहिए। डॉ नवदीप कौर ने कहा कि पूरे शरीर की तंदुरुस्ती के लिए मुंह की सफाई होना बहुत जरूरी है इसलिए माता-पिता को खासतौर पर ध्यान देना चाहिए।

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