अमृतसर, 3 जनवरी (राजिंदर धानिक): नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से देश पर थोपे गए किसान विरोधी काले बिलों को वापस लेने की माँग को लेकर पंजाब सहित पूरे उत्तर भारत के किसानों की तरफ से सिंघु बार्डर पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है जिसको केंद्र सरकार की तरफ से बदनाम करने की सभी कोशिशें नाकाम हो गई हैं और इस के मंत्री अब बौखलावट में आकर किसानों विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणियाँ पर आ गए हैं। इस अभद्दर भाषा का प्रयोग से दुखी होकर अमृतसर जिले के जगदेव कलां के प्रगतिशील किसान और आम आदमी पार्टी के नेता कुलदीप सिंह धालीवाल की तरफ केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को लीगल नोटिस भेजा गया है। यह जानकारी सांझी करते धालीवाल ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार की तरफ के पास किये तीन काले बिलों के विरोध में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान पिछले डेढ़ महीने से दिल्ली के बॉर्डर पर ठंड में शांतमयी धरने पर बैठे हैं जिस दौरान कई किसान अपनी जान भी खो चुके हैं परन्तु मोदी के तानाशाही रवईए में कोई भी बदलाव नहीं आया। किसानों की माँग मानने की बजाय केंद्र सरकार की तरफ से अलग अलग स्रोतों को इस्तेमाल करके जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। इसी साजिश के अंतर्गत केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने 12 दिसंबर को किसान आंदोलन के सम्बन्ध में कहा गया था, “किसान आंदोलन को भड़काने का काम किया जा रहा है। आंदोलन में किसानों के हित की बात नहीं हो रही। किसान आंदोलन में विदेशी ताकतों दाख़िल हो रही हैं। खालिस्तान और शरजील इमाम के पोस्टर लगाए जा रहे हैं ” धालीवाल ने कहा कि उक्त बयान के साथ उनके मन को भारी ठेस पहुँची है जिस से दुखी हो कर उन्होंने गिरिराज को लीगल नोटिस भेजते हुए सात दिनों के अंदर अंदर अपने बयान वापस लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के पास से बिना शर्त लिखित माफी और माफी पत्र को राष्ट्रीय स्तर पर अखबारों के द्वारा प्रकाशित करने की माँग की गई है और यदि गिरिराज की तरफ से इस लीगल नोटिस पर अमल नहीं किया गया तो वह इन्साफ लेने के लिए माननीय अदालत का दरवाज़ा खटखटाएंगे।