कांग्रेस ने संघात्मक ढांचे को तार तार किया, पंजाब में बदअमनी शुरू की -चुघ

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राज्यपाल की तरफ से पंजाब सरकार को तलब करने पर कांग्रेस के ऐतराज़ पर भाजपा की प्रतिक्रिया

चंडीगढ़/अमृतसर, 1जनवरी (पवित्र जोत): भारतीय जनता पार्टी ने आज पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ के उस बयान पर सख़्त हैरानी प्रकट की है, जिस में जाखड़ ने पंजाब के राज्यपाल की तरफ से राज्य में नष्ट हो रही कानून व्यवस्था को लेकर पंजाब सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख को तलब करने पर ऐतराज़ प्रकट किया है। भाजपा के राष्ट्रीय जनरल सचिव तरुण चुघ ने पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ पर तीखा हमला करते कहा कि राज्य में जनतक सेवाओं और व्यापारिक सरगर्मियाँ बुनना लोगों के लिए फिरौती बन गया है, जो लोग राज्य में सड़क और रेल रोकू बरसाती और हिंसक सरगर्मियों में शामिल हैं और संचार सेवाओं को बर्बाद कर रहे हैं।

चुघ ने कहा कि यह सब किसान आंदोलन के नाम पर समाज विरोधी तत्वों और देश विरोध ताकतों की तरफ से किया जा रहा है और अमरिन्दर सिंह सरकार ऐसे तत्वों विरुद्ध कोई सख़्त कार्यवाही करने में असफल रही है और ऐसा प्रभाव बन रहा है जैसे राज्य में चलाई जा रहे हुड़दंगबाज़ी कांग्रेस के ही इशारे पर ही हो रही है।

इसके साथ ही चुघ ने कहा कि कांग्रेस आज किस मुँह के साथ संघात्मक ढांचो की बात कर रही है, उसको तो यह बात करने का अधिकार भी नहीं है क्योंकि अतीत में कांग्रेस ने ही अपनी मनमर्ज़ी के साथ राज्य सरकार को भांग करके संघात्मक ढांचे को तार तार करती रही है। चुघ ने कहा कि कांग्रेस के प्रधानमंतर्यों में चाहे वह इंद्रा गांधी थी या फिर राजीव गांधी थे, साल 1964 से ले कर 2014 तक कम से कम 41 बार रातों -रात राज्य सरकार को भांग किया गया।

चुघ ने यह भी कहा कि पंजाब के राज्यपाल ने अपने संवैधानिक अधिकारों अधीन ही राज्य में ख़राब हो रही कानून व्यवस्था के लिए अमरिन्दर सिंह सरकार के प्रशासनिक और पुलिस प्रमुख को तलब करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब में लोकतंत्र कांग्रेस सरकार के हाथों में बुरी तरह दहल गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा के नेताओं पर बार बार हमला किया जा रहा है। जबकि भाजपा के नेताओं की आवाज़ को रोकने के लिए भाजपा के दफ्तरों में आग लगाई गई। चुघ ने प्रश्न किया कि यही लोकतंत्र है। उन्होंने कांग्रेस के राज्य प्रधान जाखड़ के इस बाबत उठाए प्रश्न पर फिर से हैरानी प्रकट करते कहा कि कांग्रेस प्रधान को इस बात पर दर्द नहीं होना चाहिए, जब राज्यपाल अपने संवैधानिक दायरे अधीन ही काम कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस प्रधान जाखड़ को सलाह दी कि वह ख़ुद आगे आकर राज्यपाल को इस सम्बन्धित अपील करे तो बेहतर होगा।

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