विजीलैंस ब्यूरो की तरफ से सात पुलिस मुलाजिमों विरुद्ध केस
वीडीयो सबूतों के आधार पर की गई कारवाई
अमृतसर 1दिसंबर (पवित्र जोत) : भ्रष्टाचार के दोष में शामिल पुलिस मुलाजिमों ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही करते पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने आज वीडियो सबूतों के आधार पर अमृतसर जिले के चाटीविंड थाने के सात पुलिस मुलाजिमों ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार रोको कानून और अपराधिक साजिश रचने के दोषों के अंतर्गत केस दर्ज किया है और दोषी पुलिस मुलाजिमों में से चार को गिरफ़्तार किया है।
इस सम्बन्धित जानकारी देते ब्यूरो के एक वक्ता ने बताया कि यह केस अमृतसर रेंज की तरफ से गई जांच उपरांत दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि चाटीविंड गाँव के रहने वाले अवतार सिंह और कंवलप्रीत सिंह राज खालसा खेती स्टोर चला रहे हैं और 22 अगस्त, 2018 को इसी गाँव के एक व्यक्ति गुरहरप्रीत सिंह ने उन की दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे को ख़राब कर दिया था।
इस बाद में कंवलप्रीत सिंह बलदेव सिंह, सुखवंत सिंह आदि दोषी गुरहरप्रीत सिंह के घर के बाहर जा पहुँचे। इस के बाद गुरहरप्रीत सिंह ने अपने ओर साथियों के साथ कंवलप्रीत सिंह, बलदेव सिंह और सुखवंत सिंह पर हमला कर दिया और उन को ज़ख्मी करके मौके से फ़रार हो गए।
वक्ता ने आगे बताया कि इस केस में पुलिस की तरफ से गुरहरप्रीत और दूसरो के ख़िलाफ़ आई.पी.सी. की धारा 323, 324, 427, 148, 149 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था और पड़ताल दौरान पुलिस की तरफ से उक्त मामलो में दोषियों विरुद्ध आई.पी.सी. की धारा 326 भी जोड़ दी गई।
बाद में यह दोषी पुलिस मुलाजिमों में ए.ऐस.आई. महेन्दर सिंह, ए.ऐस.आई. कुलदीप सिंह (अब मृतक), हवलदार पलविन्दर सिंह, हवलदार राम सिंह, सिपाही राजबीर सिंह, सिपाही हरपिन्दर सिंह, सिपाही पलविन्दर सिंह और पंजाब होम गार्ड लाटा सिंह ने शिकायत कर्ता बलदेव के भरा सुखदेव सिंह के पास से अलग अलग मौके पर 65,000 रुपए की रिश्वत लिए थी और उस के पास दोषी पुलिस मुलाजिमों ख़िलाफ़ वीडियो सबूत हैं।
विजीलैंस ब्यूरो को शिकायत कर्ता की तरफ से शिकायत पर जांच दौरान उपरोक्त पुलिस कर्मचारियों ख़िलाफ़ रिश्वतख़ोरी के दोष पाए गए और ब्यूरो ने हवलदार राम सिंह, सिपाही पलविन्दर सिंह, सिपाही हरपिन्दर सिंह और पंजाब होम गार्ड के लाटा सिंह को ख़िलाफ़ केस दर्ज करने के बाद गिरफ़्तार कर लिया है जबकि बाकी मुलाजिमों की गिरफ़्तारी के लिए छापेमारी जारी है। दोषियों ख़िलाफ़ विभागीय कार्यवाही की सिफ़ारिश भी की जायेगी।