प्लाज्मा थैरेपी ने गुरू नानक देव अस्पताल में अब तक 4 लोगों को दिया नया जीवन

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  • कोरोना से ठीक हुए मरीज़ प्लाज्मा दान करने के लिए आगे आने लगे

  • ठीक हुए मरीज आगे ख़ुद प्लाज्मा दान करने के लिए तैयारी में

  • एक व्यक्ति की तरफ से दान किया प्लाज्मा बचा सकता है चार लोगों की जिन्दगी

अमृतसर, 1 अगस्त (पवित्रजोत): कोविड-19 वायरस के गंभीर मरीजों के ईलाज के लिए इंडियन कौंसिल फार मैडीकल रिसर्च के अनुसार प्लाज्मा थेरैपी के साथ किया जाता इलाज गुरू नानक देव मैडीकल कालेज और अस्पताल अमृतसर में जारी है और अब तक यह 4 लोगों को नया जीवन मिल चुका है। कालेज के प्रिंसीपल डा. राजीव देवगन ने बताया कि जब कोई व्यक्ति किसी बीमारी से ठीक होकर बाहर आता है तो उस व्यक्ति के शरीर अंदर उस रोग के साथ लड़ने की शक्ति आ जाती है और यह प्लाज्मा के साथ दूसरे लोगों को अगर वह ही बीमारी हुई है तो उनके ख़ून में उस व्यक्ति के प्लाज्मा तत्वों को मिला कर उन रोगियों को भी ठीक किया जा सकता है। उन्होने बताया कि हमने जिन चार मरीज़ों को प्लाज्मा के साथ ठीक किया है वह 60 साल से ऊपर और शुगर, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियाँ से भी पीडित थे। उन्होने बताया कि यह ठीक हुए मरीज़ अब घरों को जा चुके हैं। उन्होने बताया कि हम प्लाज्मा बैंक कालेज के ब्लड बैंक में काम कर रहे हैं, जिस पर करीब 30 लाख रुपए का ख़र्च आया है। उन्होने बताया कि इस बैंक में ख़ून की तरह प्लाज्मा भी स्टोर करके रखा जा सकेगा, जोकि किसी जरूरतमंद के काम आएगा। उन्होने बताया कि ठीक हुए मरीज़ पालज़मा दान करने के लिए आने लगे हैं। उन्होने तंदरुस्त हुए लोगों से अपील भी की कि वह बैंक अस्तित्व में आते सार अपना प्लाज्मा दान करने के लिए अस्पताल पहुँचे, जिससे हम जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकें।
उन्होने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार एंटी शरीर प्लाज्मा उस व्यक्ति का ही लिया जा सकता है जिसको ठीक हुए 14 दिन पूरे हो गए हों और उसके बाद उस व्यक्ति के दो ओर टैस्ट किये जाते हैं जिससे यह स्पष्ट हो सके कि यह व्यक्ति ने करोना बीमारी को पूरी तरह के साथ हरा दिया है। इसके बाद मरीज़ का आलीजा टैस्ट करके यह पता लगाया जाता है कि इस व्यक्ति के ख़ून में कौन सी एंटी बाड्डीज हैं और कितनी संख्या में है। इसके बाद ख़ून देने के लिए जो ज़रूरी टैस्ट होते हैं वह किये जाते हैं जिससे प्लाजमा इस्तेमाल किया जा सके।

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