जीएनडीयू द्वारा माता कौला बोटानिकल गार्डन के दुर्लभ पौधों बारे पुस्तिका तैयार

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बोटानिकल गार्डन की तस्वीर।

अमृतसर, 17 जुलाई (पवित्रजोत): गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी ने जहाँ अपने कैंपस अंदर अलग-अलग वृक्षों, पौधों और छोटे-छोटे जंगलों का कुदरती अनमोल ख़जाना संभाल रखा है, वहीं कैंपस में स्थित माता कौलां बोटानिकल गार्डन में दवाओं वाले और अन्य दुर्लभ पौधों की भरमार है जिस पर यूनिवर्सिटी के बोटेनिकल और इनवायरनमैंटल विभाग के खोजार्थियों और वैज्ञानिकों की तरफ से लगातार खोज की जाती है।
विद्यार्थियों, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक पेशेवरों के इलावा पौद्यें को प्यार करने वाले और उनके बारे जानने की इच्छा रखने वाले कुदरत प्रेमियों के लिए यूनिवर्सिटी के बोटेनिकल और इन्वायरनमैंटल विभाग की तरफ से माता कौलां बोटानिकल गार्डन में उगे मेडिसनल और दुर्लभ महत्वपूर्ण पौधों बारे सूचनाएँ पेश करती विशेष पुस्तिका तैयार की है जिसमें अलग वृक्षों, पौधों और झाड़ियों के वैज्ञानिक और आम नाम बताने के इलावा अन्य भी सूचनाएं दी गई है।
यह पुस्तिका विभाग के प्रोफ़ैसर अविनाश कौर नागपाल, डा. गुरवीन कौर और प्रो. सतविन्दरजीत कौर द्वारा तैयार की गई है। हाल ही में बोटेनिकल गार्डन सहायता स्कीम अधीन वातावरण, जंगलात और मौसम तबदीली मंत्रालय की तरफ से यूनिवर्सिटी के बोटानिकल गार्डन बाग़ को विकास हेतु फंड दिया गया है जिस अधीन अलग-अलग पौधों की दुर्लभ प्रजातियों की सांभ-संभाल और खोज की जाती है।
गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. जसपाल सिंह संधू के सभ्य नेतृत्व और वातावरण और पौधों में अपना निजी रुझान करके उनकी तरफ से इस सम्बन्धित विशेष उठाए गए हैं। इस पुस्तिका में पौधों के बोटानिकल और आम नाम के इलावा उनके परिवारों, फूलों, फलों के इलावा 44 वृक्षों और झाड़ियों की प्रजातियों बारे विस्तार में सूचना दी गई है।

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