प्रदेश भाजपा ने राज्य चुनाव आयोग को निकाय चुनाव केंद्रीय पुलिस बलों की निगरानी में करवाने की की माँग 

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 चंडीगढ़/अमृृतसर1 जनवरी ( पवित्र जोत  ): कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पंजाब में बद से बदतर हो चुकी कानून-व्यवस्था के बीच फरवरी में निगम चुनाव करवाए जाने के एलान व जनता की सुरक्षा को मद्देनजर रख प्रदेश भाजपा के मुख्य-प्रवक्ता अनिल सरीन के नेतृत्व में भाजपा शिष्टमंडल जिसमें सचिव अरविन्द मित्तल, लीगल सैल के संयोजक एन. के. वर्मा, बोद्धिक सैल के संयोजक स्वर्ण सिंह व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुखविन्द्र सिंह गोल्डी शामिल थे, ने राज्य चुनाव आयोग के कमिश्नर जगपाल सिंह संधू से मुलकात की और उन्हें प्रदेश के हालातों से अवगत करवाया I भाजपा शिष्टमंडल ने प्रदेश में निगम चुनाव स्वतंत्र व निष्पक्ष करवाने के लिए केंद्रीय पुलिस बलों की तैनाती किए जाने के लिए अपना माँगपत्र चुनाव आयोग कमिश्नर को सौंपा I

                    अनिल सरीन से इस बारे में मीडिया से बात करते हुए कहाकि पंजाब आज एक बहुत ही नाजुक दौर से गुजर रहा है I कांग्रेस सरकार के नेताओ द्वारा पंजाब में कानून और व्यवस्था की स्थिति भयावह बनाई गई है और यह कांग्रेसी वर्तमान परिस्थितियों में हिंसा कर व धमकीयां देकर राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं। राज्य में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा सहित भाजपा नेताओं पर हमलों की कई घटनाएं हुई हैं, भाजपा कार्यालयों पर हमला किया गया है। इन कारवाईयों के बारे में कांग्रेसी नेताओं ने अपना गुनाह भी कबूल किया है लेकिन आज तक उनके विरुद्ध कोई कारवाई नहीं हुई । सत्तारूढ़ कांग्रेस द्वारा राजनीतिक लाभ लेने के लिए, पुलिस का भी इस्तेमाल किया जा रहा है । कांग्रेसी सांसद रवनीत बिट्टू द्वारा पंजाब की सडकों पर खून बहाने व लाशों के ढेर लगाने के भड़काऊ ब्यान दिए जा रहे हैं I बिट्टू के इस ब्यान के बाद असमाजिक तत्वों द्वारा प्रदेश में जम कर उत्पात मचाया गया और पुलिस व प्रशासन मूक-दर्शक बन तमाशा देखता रहा I                     अनिल सरीन ने कहाकि कांग्रेस पार्टी किसानों के आंदोलन का फायदा उठा कर खुद राज्य में अशांति पैदा कर रही है और अपने प्रत्याशियों की जीत की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए राज्य की सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहाकि यह चुनाव किसी देश के शासन की गुणवत्ता के लिए महत्वपूर्ण हैं और किसी देश के दीर्घकालिक लोकतांत्रिक विकास को बहुत आगे बढ़ा सकते हैं या वापस ला सकते हैं। सरीन ने मांग की कि इस सब को ध्यान में रख कर निकाय चुनाव केंद्रीय पुलिस बलों की निगरानी में करवाए जाएँ I

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