370 तोड़कर पी.एम. मोदी ने श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बलिदान को सार्थक बना दियाः जीवन गुप्ता

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भाजपा पंजाब के महासचिव जीवन गुप्ता।

चंडीगढ़, 22 जून: भाजपा के मूल प्रारूप भारतीय जनसंघ के संस्थापक स्व. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 68वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए भाजपा पंजाब के महासचिव जीवन गुप्ता ने कहा श्यामा प्रसाद मुखर्जी दुनिया के इतिहास में पहले ऐसे राजनेता है, जिसे अपने देश की आज़ादी के तुरन्त बाद देश की एकता और अखड़ंता के लिए बलिदान देना पड़ा हो। गुप्ता ने कहा कि इस वर्ष उनकी पुण्यतिथि का विशेष महत्व है क्योंकि नेहरू सरकार ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 व 35ए लागू करके जिस तरह देश मे दो विधान दो निशान की जो अलगववादी व विभाजनकारी व्यवस्था स्थापित की थी और जिसे खत्म करवाने के लिए स्व. मुखर्जी ने जो 23 जून 1953 को अपना बलिदान दे दिया था, उसे प्रधानमंत्री मोदी ने ना केवल 5 अगस्त 2019 को धारा 370 व 35ए खत्म करके उस ऐतिहासिक कलंक को हमेशा के लिए खत्म किया बल्कि 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू कश्मीर व लद्दाख़ को अलग-अलग करके केंद्रीय शासित प्रदेश बना कर श्यामाप्रसाद मुखर्जी के महान बलिदान को सार्थक बना दिया। जीवन गुप्ता ने कहा क्या कोई कल्पना कर सकता था कि यह धाराएं टूट सकती हैं और क्या इस प्रदेश के दो हिस्से बनाकर केंद्रीय शासित बनाये जाने की कोई सोच भी सकता था पर इतिहास के वह पल गवाह हैं जब मोदी सरकार ने इस असंभव को संभव करके दिखाया ओर 72 साल बाद अधूरे भारत को एकीकृत करके स्व. मुखर्जी की आत्मा का तर्पण कर दिया।
जीवन गुप्ता ने कहा एक भारत सशक्त भारत के स्वप्न को लेकर 67 वर्ष पूर्व डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी द्वारा दिया बलिदान व्यर्थ नहीं गया जिन आदर्शों के साथ राष्ट्रनिर्माण की कल्पना के साथ भारतीय जनसंघ की स्थापना स्व. मुखर्जी ने की थी वह आज भाजपा के रूप में जनसंघ के दीपक के प्रकाश के साथ पूरे भारत को प्रकाशित कर रहा है और आज देश मे भाजपा की दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार स्थापित है ओर विश्व साक्षी है कि मोदी के नेतृत्त्व में सबके साथ ओर सबके विकास की अवधारणा के साथ माँ भारती पुनः विश्वगुरू बनने की ओर अग्रसर है। गुप्ता ने कहा भाजपा के राष्ट्रवादी सिद्धांतो के कारण ही आज मुद्दा चाहे पाकिस्तान का हो या चीन से निपटने का हो या कोरोना जैसी माहामारी से दो दो हाथ करने का हो भारत के 135 करोड़ लोगों को विश्वास है कि वह भाजपा नीत सरकार ओर मोदी जैसे सक्षम नेतृत्व के हाथों देश सुरक्षित हैं। गुप्ता ने स्व. श्यामाप्रसाद मुख़र्जी के जीवन पर चर्चा करते हुए कहा कोलकाता के सभ्रांत परिवार में जन्मे स्व. मुखर्जी के पास क्या नहीं था? केवल 33 वर्ष की आयु में किसी यूनिवर्सिटी का कुलपति बनने वाले विश्व के वह पहले व्यक्ति थे पर हृदय में माँ भारती को अंग्रेज़ी दास्तां से मुक्त करवाने के लिए धधक रही आग एवं बंगाल मे अंग्रेजों व कम्युनिस्टों की शह से मुस्लिम लीग द्वारा हिंदुओं पर किये जा रहे अत्यचारों पर कांग्रेस की मोन स्वीकृति से व्यथित होकर वह स्वतंत्रता संग्राम में कूद गए और उन्होंने वीर सावरकर की राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रभावित होकर “हिन्दु महासभा” का गठन किया। जीवन गुप्ता ने कहा 1941 की बंगाल सरकार में अकेले हिन्दू मंत्री स्व. मुखर्जी धर्म के आधार पर भारत विभाजन के घोर विरोधी थे उनका मानना था अपनी ऐतिहासिक व सांस्कृतिक सांझ के चलते हिन्दू व मुस्लमान आपसी समझ से इकठ्ठा रह सकते हैं पर प्रधानमंत्री बनने की जल्दी में पंडित नेहरू ने भारत का विभाजन करवा दिया और स्व. पटेल के हस्तक्षेप स्व. मुखर्जी पंडित नेहरु मंत्रिमंडल में उद्योगमंत्री बने। जीवन गुप्ता ने कहा पंडित नेहरू ने एक रियासत जम्मू-कश्मीर को अपने हाथ मे लिया ओर उसका ऐसा बंटाधार किया कि भारत आज भी उस आग में जल रहा है। गुप्ता ने कहा पँ नेहरू ने अपनी हठधर्मिता से ना केवल सेना के हाथ बांधकर जम्मू कश्मीर का 35 प्रतिशत, हिस्सा पाकिस्तान के हवाले कर दिया बल्कि मामले को संयुक्त राष्ट्रसंघ में ले जाकर जम्मू कश्मीर को सदा के लिए विवादित बना दिया। ऐसा राष्ट्रविरोधी घटनाक्रम देखकर श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने महसूस किया भारत ऐसे स्वार्थी व अकुशल नेतृत्त्व में सुरक्षित नहीं रह सकता तो उन्होंने नेहरू मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहयोग से 21 अक्टूबर 1951 को भारतीय जनसंघ की स्थापना कर डाली। गुप्ता ने कहा पहले आमचुनाव में भारतीय जनसंघ से जीतने वाले तीन सांसदों में एक मुखर्जी थे ओर वह ऐसे निर्भीक नेता के रूप में उभरे की लोकसभा में एक बार मुखर्जी के प्रश्नों से झल्लाए पंडित नेहरू ने क्रोध में कहा ‘मैं जनसंघ को कुचल दूंगा” तो जवाब में मुखर्जी ने कहा था “मैं उस कुचलने वाली सोच को ही कुचल दूंगा” जीवन गुप्ता ने कहा जनसंघ की स्थापना करते ही मुखर्जी ने जम्मू कश्मीर में धारा 370 खत्म करने और वहां प्रवेश के लिए परमिट प्रणाली को खत्म करने के लिए संघर्ष का बिगुल बज़ाते हुए नारा दिया “भारत को करेगा कोन अंखड भारतीय जनसंघ भारतीय जनसंघ” ओर शेख अब्दुल्ला ने पँ नेहरू के इशारे पर 11 मई 1952 को बिना परमिट जम्मू कश्मीर में प्रवेश करते हुए लखनपुर में ग्रिफ्तार कर लिया। जीवन गुप्ता ने कहा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी उनके निज़ी सचिव के रूप में उनके साथ थे पर स्व. मुखर्जी ने वाजपेयी को वापिस भेजते हुए इस आंदोलन को जारी रखने को कहा शायद उन्हें अपने साथ किसी अनहोनी होने का अहसास हो गया था। गुप्ता ने कहा पंडित नेहरू ओर शेख अब्दुल्ला उनके ओजस्वी नेतृत्व व राष्ट्रवादी अभियान से इतना असुरक्षित महसूस कर रहे थे कि उन्होंने उन्हें एक झोपड़ी में नजरबंद करके प्रताड़ित करवाया और यह जानते हुए भी की उन्हें शुगर है और उन्हें किसी तरह की चिकित्सीय सुविधा नहीं दी गई और उनके जीवन के अंतिम क्षणों में मौज़ूद लोगों ने बताया कि उन्हें कोई ऐसा संदिग्ध इंजेक्शन दिया गया था जिससे उनका पूरा शरीर जल उठा था ओर वह भारत को अंखड करने के दिवास्वप्न में हमेशा के लिए खो गए जिसे आज मोदी साकार कर रहे हैं। जीवन गुप्ता ने कहा वह दिन दूर नहीं जब भाजपा के नेतृत्व में पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर और 1962 में चीन द्वारा छीना सारा इलाका भारत के पास होगा और हमारे पुरखों द्वारा लिया गया अखंड भारत का स्वप्न पूरा होगा और ऐसा श्यामाप्रसाद मुख़र्जी द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने से ही संभव होगा और यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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