चंडीगढ़, 13 जूनः केंद्रीय सड़क-परिवहन और राजमार्ग मंत्री व एमएसएमई नितिन गडकरी ने उनके नाम पर मीडिया के एक वर्ग में चल रहे ब्यान, जिनमें कहा गया है कि किसानों की फसलों का समर्थन मूल्य (एमएसपी) कम होने की संभावना है, का जोरदार खंडन करते हुए कहा कि ऐसी खबरों न केवल गलत हैं, बल्कि दुर्भावनापूर्ण भी हैं। गडकरी ने इस मुद्दे पर जारी अपने ब्यान में कहा कि उन्होंने हमेशा धान / चावल, गेहूं, गन्ना जैसी फसलों के वैकल्पिक उपयोग के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न तरीकों और साधनों की तलाश करने की वकालत की है, ऐसे में वह किसानों के लिए ऐसा सोच भी नहीं सकते। गडकरी ने कहाकि एमएसपी में वृद्धि की घोषणा के समय गडकरी खुद वहां मौजूद थे इसलिए एमएसपी में कटौती के लिए उनके सामने कोई सवाल नहीं था।
नितिन गडकरी ने कहा कि किसानों को बेहतर आय प्रदान करना हमेशा मोदी सरकार की प्राथमिकता रही थी और यह उसी भावना का हिस्सा है। गडकरी ने किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान करने के लिए फसल पैटर्न में बदलावों की खोज करने की आवश्यकता पर जोर दिया। गडकरी ने कहाकि उदाहरण के लिए खाद्य तेल के बढ़ते विकास की उज्ज्वल संभावनाएं हैं क्योंकि भारत अपने आयात पर लगभग 90000 करोड़ रुपये खर्च करता है। इसी तरह चावल / धान / गेहूं / कॉर्न्स से इथेनॉल का उत्पादन न केवल उन्हें बेहतर रिटर्न देगा, बल्कि आयात बिल को बचाने में भी मदद करेगा। इसके अलावा, ये जैव ईंधन भी पर्यावरण के अनुकूल हैं। गडकरी ने कहा कि किसानों की फसलों का समर्थन मूल्य (एमएसपी) कम करने का सवाल ही पैदा नहीं होता।
नितिन गडकरी ने कहा कि आज किसानों को बदलते दौर के साथ-साथ ख़ुद भी खेती करने के तरीकों को बदल कर अपनी आय को बढ़ाने के बारे में सोचना होगा, जिसके लिए केंद्र की मोदी सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है और उन्हें हर सम्भव मदद देने के लिए तैयार है।