रैड्ड क्रास के पंघुड़े ने बचायी 181 बच्चों की जान
बच्चों में से 152 लड़कियाँ और 29 लड़के
अमृतसर , 7 दिसंबर (पवित्र जोत) : ज़िला प्रसाशन की तरफ से साल 2008 में लावारिस बच्चों की जान बचाने के लिए रेड क्रास की सहायता के साथ शुरू की गई पंघुड़े स्कीम अब तक 181 बच्चों की जान बचाने में कामयाब हुई है। बताने योग्य है कि इस बच्ची को 20 नवंबर को दोपहर 2बजे के पास पंघुड़े में कोई छोड़ गया था को मैडीकल पार्वती देवी हस्पताल रणजीत ऐवीन्यू में भेजा गया था और यह बच्ची अब बिल्कुल तंदरुस्त है।
गुरप्रीत सिंह खहरा डिप्टी कमिशनर अमृतसर और अनमजोत कौर सहायक कमिशनर जनरल ने इस बच्ची को पंघुड़े में प्राप्त किया गया और लापा स्कीम अधीन स्वामी गंगा नंद भूरी वाले फाउंडेशन धाम भेजने की प्रक्रिया पूरी की। उन्होंने बताया कि रैड्ड क्रास सोसायटी की सहायता के साथ शुरू इस निवेकली पहल की तारीफ़ करते कहा कि यह 181 मासूम जिंदगियों को बचाने वाला पंघुड़ा जहाँ मुबारकवाद का हकदार है, वहां पंघुड़ा में अब तक आए बच्चों में से बड़ी संख्या लड़कियों की ही मिलना समाज के लिए एक गंभीरता का मसला है। खेहरा ने इस मौके बताया कि पंघुड़ा में आने वाली बच्चों की तादाद ज़्यादा है जो बहुत ही चिंता का विषय है।
बताने योग्य है कि पंघुड़ा में आए बच्चो की जानकारी पंघुड़ा के नीचे लगी घंटी से रेड क्रास कर्मचारियों को मिल जाती है और वह तरुंत बच्चे को नज़दीक स्थित पार्वती देवी हस्पताल से मैडीकल सहायता दिला देते हैं। पार्वती देवी हस्पताल के एम.डी. संजे महेश्वरी ने बताया कि पंघुड़ा में आए बच्चों की मैडीकल जांच पार्वती देवी हस्पताल में करवाई जाती है और हस्पताल की तरफ से कोई भी फिस नहीं ली जाती और बच्चों का सारा इलाज मुफ़्त में किया जाता है। इसके बाद में सुरक्षित पालन पोषण और अच्छे भविष्य की आशा में सरकार की तरफ से घोषित की संस्थायों लीगल अडापशन एड प्लेसमेंट एजेंसी में बच्चो की परवरिश करके तबदील कर दिया जाता है, जहाँ से जरूरतमंद परिवार बच्चे को गोद ले लेते हैं। अब तक पालना स्कीम के अंतर्गत इन बच्चों के आने के साथ बच्चों की संख्या 181 हो गई है, जिन में 152 लड़कियाँ और 29 लड़के शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति बच्चा गोद लेना चाहता हो तो वह आन लाईन वैबसाईट www.care.nic.in के द्वारा अपनी रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इस मौके कार्यकारी सचिव रेड क्रास रणधीर सिंह और शिशुपाल भी उपस्थित थे।