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दुबई से शवों की जगह जीते जागते इंसानों को बचाने की कोशिश में हूँ- डा. ओबराय
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ट्रस्ट द्वारा वापस लौटने वालों के लिए ‘हुनर विकास केंद्र’ खोलने की योजना
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रोजगार छीनने के कारण परेशान हुए नौजवान मौत को गले लगा रहे हैँ
अमृतसर, 14 जुलाई (पवित्रजोत): बिना पैसा इकट्ठा किए अपनी निजी कमाई में से करोड़ों रुपए खर्च कर अरब देशों में से सैंकड़ों माताओं के पुत्रों को मौत के मुंह से बचाकर लाने वाले दुबई के प्रसिद्ध कारोबारी और सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख डा. एस.पी. सिंह ओबराय ने एक बार फिर यू.ए.ई में फंसे हज़ारों भारतीयों में से 174 लोगों को अपने खर्च पर बुक किए दूसरे विशेष चार्टर्ड जहाज के द्वारा वतन लाकर सेवा के क्षेत्र में एक बार फिर इतिहास कायम कर दिया है।
इस संबंधी यहां जानकारी सांझा करते हुए डा. एस.पी. सिंह ओबराय ने बताया कि करोना महामारी कारण अरब देशों अंदर हज़ारों ही ऐसे भारतीय फंसे हुए हैं जो अपने देश आने के लिए तड़प रहे हैं। उन्होंने बताया कि वहां फंसे लोग चार अलग-अलग वर्गों के साथ सम्बन्धित हैं और वह वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित है, जिनकी संख्या भाव हज़ारों में है, वह ऐसे कर्मचारी हैं जो कोरोना महामारी दौरान कंपनियां बंद होने के कारण सड़कों पर आ चुके हैं, उनकी हालत इतनी ख़राब है कि वह दो वक्त की रोटी को भी तरस रहे हैं। उन्होंने बताया कि दुबई अंदर उनकी निजी रिहायशी पनाहगाहों में जितनी जगह खाली थी, उनमें सैंकड़ों बेरोज़गार कामगारों को अपने स्तर पर मुफ़्त रिहायश और खाना दे रहे हैं, परंतु सबको वहां रखना असंभव है। उन्होंने यह भी कहा कि बेशक दुबई से भारत आने के लिए रजिस्टर्ड हुए लोगों को विशेष जहाजों के माध्यम वापस लाया जा रहा है, परंतु सीमित उड़ानें होने के कारण बहुत समय लग रहा है, जिस कारण दिन-ब-दिन वहां बेरोज़गार हुए लोगों की हालत ख़राब होती जा रही है। उन्होंने बताया कि पहले पड़ाव के अंतर्गत उन्होंने अपने ख़र्च पर बुक करवाई चार विशेष उड़ानों में से पहला चार्टर प्लेन जो 7 जुलाई को रास अल खेमा (यू.ए.ई) हवाई अड्डे से चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर पहुंची थी, उसके द्वारा 177 पंजाबियों को वापस लाया था। अब यह दूसरी विशेष उड़ान भी जो रास खल खेमा (यूएई) हवाई अड्डे से चलकर 174 और फंसे हुए पंजाब और हरियाणा के लोगो को लेकर गत देर रात्रि अमृतसर के गुरु रामदास अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची। उन्होंने बताया कि इनमें वापस आने वालों में से कुछ ने खुद टिकट के पैसे दिए, कुछ ने 30 से 50 प्रतिशत पैसे दिए हैं, परन्तु अधिकतर संख्या उन लोगों की है, जिनकी टिकट का सारा ख़र्च ट्रस्ट की तरफ से किया गया है। जबकि आने वाले सभी लोगों का कोरोना टेस्ट करवाने का खर्च सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि उनका मुख्य मंतव्य वहां फंसे बेरोज़गार और बेबस लोगों को मुफ़्त उनके घरों तक पहुंचाना है, जिससे यह युवा विदेश में दर-दर की ठोकरों खाकर ख़ुदकुशी का रास्ता न अख्तियार कर ले या मजबूरी बस कहीं अपराध की दुनिया में शामिल न हो जाएं। इसलिए ही वह खाड़ी मुल्कों में से शव वापिस लाने या ब्लडमनी देकर जेलों में से छुडवाने की बजाय यह खर्च करके जीते जागते युवाओं को वापस वतन लेकर आने के लिए प्रयासरत हैं। इस उपरांत डा. ओबराय ने एक अन्य अहम योजना का ऐलान करते कहा कि खाड़ी देशों से लौटने वाले इन लोगों को स्वै-राजेगार की तरफ प्रेरित करने के लिए सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट की तरफ से हर जिले में ‘हुनर विकास केंद्र’ खोले जाएंगे और हरेक केंद्र में 40 से 50 के करीब ज़रूरतमंदों को जॉब ओरिएंटेंडे प्रशिक्षण मुफ़्त मुहैया करवाया जाएगा, जिससे वह पहले ही हुनरमंद मज़दूरों की कमी से जूझ रहे पंजाब प्रदेश में ही अपने पैरों पर खड़ें हे जाए और विदेशों की तरफ न झाकें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि ज़रूरत पड़ी तो ट्रस्ट की तरफ से अगले महीने भी अपने ख़र्च पर चार ओर विशेष उड़ानों का प्रबंध किया जाएगा। ट्रस्ट की तरफ से बुक करवाए गए चार्टर जहाजों में से आगामी भाव तीसरी उड़ान 19 जुलाई को चंडीगढ़ जबकि चौथी 25 जुलाई को फिर अमृतसर में पहुंचेगी। जिनके लिए वहां फंसे लोगों ने ट्रस्ट के दुबई स्थित दफ़्तर में अपने नाम रजिस्टर्ड करवा लिए हैं। उन्होने बताया कि इस मसले में अमृतसर के लोकसभा मैंबर गुरजीत सिंह औजला और शहरी उड़ान विभाग ने भी उनको सहयोग दिया है। डा. एस.पी. सिंह ओबराय की तरफ से बेगाने मुल्क में फंसे लोगों की वतन-वापसी के लिए उठाए गए बड़े कदम कारण जहां सरकारें भी हैरान हैं, वहीं पूरी दुनिया में बैठा हर पंजाबी इस बड़े दिल वाले सरदार पर मान महसूस कर रहा है।