श्री गुरू रविदास जी महाराज एक महान समाज सुधारक एवमं प्रतिष्ठित दार्शनिक थे: प्रो. लाल

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केंद्रीय गुरू रविदास मंदिर में मनाया गुरू रविदास जी का 644वां प्रकाश पर्व
अमृतसर 26 फरवरी (पवित्र जोत) : केंद्रीय श्री गुरू रविदास जी मंदिर बाहर हालगेट से श्री गुरू रविदास जी का 644वें प्रगट उत्सव के उपलक्ष्य मंे विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि पूर्व डिप्टी स्पीकर प्रो. दरबारी लाल ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते कहा कि श्री गुरू रविदास जी मानव समानता, सामाजिक समरसता, एक महान कवि, अद्भूत चिंतक और प्रतिष्ठित दार्शनिक थे। वह एक महान समाज सुधारक थे और केवल धार्मिक कर्मकांडों की बजाए पूरे समाज को कर्मयोगी बनाना चाहते थे। ताकि कर्म और श्रम से मानव अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सके और समाज में भी सम्मानजनक स्थान हासिल कर सके। उनकी लोकवाणी ने जनमानस को अत्यधिक प्रभावित किया। इसलिए उनके पवित्र शब्दों को श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी में संकलित किया गया।
प्रो. लाल ने कहा कि श्री गुरू रविदास जी मध्यकाल में भक्ति लहर के शिरोमणि संत थे तथा भारत में समनतावादी समाज को स्थापित करने वाले प्रथम सर्वश्रेष्ठ संत थे। उन्होंने लोगों को यह संदेश दिया कि ईश्वर एक है यद्यपि उनको भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जाता है। उनकी प्रकांड विद्वता के आगे बड़े बड़े विद्वान भी नतमस्तक होते है। आओ उनके पवित्र पर्व पर हम सब मिलकर यह संकल्प ले कि हम जात-पात विहिन एवं सबके कल्याण के लिए समाज का  निर्माण करे। ताकि गरीब से गरीब लोगांे को भी जीवन यापन के साधन मुहैया हो सके। इस अवसर पर पंजाब एग्रो फूड कारपोरेशन लिमिटेड के वाइस चेयरमैन संजीव अरोड़ा, पार्षद प्रदीप शर्मा, प्रधान युद्धवीर, पूर्व प्रधान भगत प्रहलाद, सुरिंदर केवलानी, एडवोकेट करनैल सिंह मोहकमपुरा, अविनाश बेदी, वेद प्रकाश, राज कुमार खोसला, नवदीप शर्मा, जनकराज श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।

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