अमृतसर 25 फरवरी (पवित्र जोत) : सरकारी कन्या सेकंडरी स्कूल, जंडियाला गुरू में तैनात (पुस्तकालय रीस्टोरर) वीना ने जनकारी देते कहा कि बच्चों के सालाना परीक्षा नज़दीक आ रहे हैं lबच्चों की पढ़ाई के साथ ज़रूरी है कि उनकी लेखन भी सुंदर हो l दरअसल लिखना एक कला है और हर कोई इस को सब्र और लगन के साथ सीख सकता है। ज़्यादातर माता पिता और अध्यापक इस बात से परेशान रहते हैं कि उन के बच्चों की लेखन सुंदर और पढ़ने योग्य नहीं है, सुंदर लेखन के साथ जहाँ सामने वाले पर अच्छा प्रभाव पड़ता है, वहाँ ही ख़ुद को भी खुशी मिलती है। आज का युग प्रौद्यौगिकी का युग है, जिस में विद्यार्थी लिखने के लिए कंप्यूटर और मोबाइल का प्रयोग को प्रथमता दे रहे हैं। उनको इस तरह लिखना अपने मॉडर्न होने का सबूत लगता है और वह अपनी लेखन की तरफ बहुत ध्यान नहीं देते, जिस के नतीजे के तौर पर विद्यार्थियों की लेखन दिनों – दिन बुरी होती जा रही है। सुंदर लेखन की हमारे जीवन ’ में बहुत महत्ता है,सुंदर लेखन जीवन भर की कमाई है ज़्यादातर विद्यार्थी यह सोचते हैं कि वह पढ़ाई में होशियार हैं और अच्छे अंक ले रहे हैं, इस लिए उन को लेखन की तरफ ध्यान देने की क्या ज़रूरत है परन्तु कई बार ऐसे विद्यार्थी पूरा पेपर हल करने के बावजूद भी कम अंक प्राप्त करते हैं, जिस का मुख्य कारण बच्चों की लेखन का साफ़ न होना है।