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अमृतसर, तरनतारन और गुरदासपुर के अधिकारियों से की पहली मीटिंग
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कोई भी संदिग्ध जांच के दायरे से बाहर नहीं रहेगाः राज कमल चौधरी
अमृतसर, 6 अगस्त (राजिन्द्र धानिक): मुख्य मंत्री पंजाब कैप्टन अमरिन्दर सिंह की तरफ से तीन जिलों में ज़हरीली शराब पीने से हुई मौतें की जो जांच जालंधर डिविज़न के कमिश्नर राज कमल चौधरी को सौंपी गई थी, वह आज शुरू कर दी गई है। आज इस जांच के अंतर्गत कमिश्नर चौधरी ने अमृतसर में तीनों जिलों अमृतसर, तरनतारन और गुरदासपुर के सिवल और पुलिस अधिकारियों के साथ पहली मीटिंग की। मीटिंग में उन्होने स्पष्ट किया कि कोई भी संदिग्ध व्यक्ति चाहे वह किसी पार्टी, किसी पद या किसी विभाग के साथ सम्बन्धित हो जांच से बाहर नहीं रहना चाहिए। उन्होने कहा कि उक्त अध्याय में कहाँ लापरवाही हुई है और किसने की है उसकी ज़िम्मेदारी तय की जाएगी। चौधरी ने कहा कि मुझे जांच के लिए 21 दिन का समय मिला है और मैं इस समय दौरान दूध का दूध और पानी का पानी करके सरकार सामने रखूँगा। चौधरी ने कहा कि मुख्य तौर पर पुलिस और आबकारी विभाग जांच का हिस्सा होंगे। उन्होने कहा कि दोनों विभागों की नाजायज बिक्री को रोकनो की ज़िम्मेदारी है।
उन्होने एकसायज़ विभाग के ज्वाइंट कमिशनर के पास से पंजाब में चलती डिस्टिलरियों, उनसे तैयार होते उत्पाद, जिसमें ईथानोल, मिथाइल आदि शामिल हैं के विवरण, मालिकों का विस्तार, पिछले 2 साल में इन्होने कितना सामान बनाया और कहाँ-कहाँ बेचा, इनकी डिस्टलरियों में आबकारी विभाग के कौन से- कौन से अधिकारी ड्यूटी पर रहे, जिन गाँवों में मौतें हुई उस इलाको में कौन से -कौन से एकसायज़ इंस्पेक्टर तैनात थे की जानकारी माँगी है। इसके साथ ही उन डिस्टलरी से बनती इंडस्ट्रीयल सपिरट को आगे ढुलाई समय अपनाई जाती विधि, वह कहाँ और किस को बेची जाती है, शराब बनाने वाले बोटलिंग पलांट की विस्तारपूर्वक रिपोर्ट माँगी है।
इसी दौरान उन्होने उपस्थित तीनों जिलों के पुलिस अधिकारियों के पास से अब तक की गई जांच, निर्यात हुए सामान का विस्तार, कौन-कौन गिरफ़्तार किए, एफ. आई.आर की कापियां और जांच के लिए अपनाई गई विधि की माँग करते कहा कि पीडित परिवारों के ब्यान और गाँव के साधारण निवासियों के बयान भी पेश किए जाएँ। उन्होने कहा कि पंजाब सरकार ने मई महीने में नशों विरुद्ध ऑपरेशन रेड रोज़ शुरू किया था और उन्होने जिले की पुलिस ने इस समय दौरान क्या-क्या किया, वह भी विस्तार सहित दिया जाए। उन्होने कहा कि केवल अवैध शराब की बिक्री करने वाले निचले आरोपियों पर ही कार्यवाही नहीं होगी, बल्कि हरेक पक्ष की ज़िम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होने कहा कि इस जांच दौरान वह पीडित परिवारों को भी मिलेंगे और उन गाँवों वालों की बात भी सुनेंगे, जिससे सच्चाई सामने लाई जा सके। उन्होने कहा कि इस अध्याय में जो लोग मारे गए, परन्तु उनके पोस्टमार्टम नहीं हुए, उनको भी जांच का विषय बनाया जाएगा। उन आम लोगों को भी अपील की कि वह जांच में हमारा साथ दें, जिससे दोषियों को सख़्त सज़ा दिलाई जा सके और आगे से ऐसा दुखदायी हादसा न हो।
इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खहरा, एस.पी. हैडक्वाटर तरनतारन गौरव तुर्रा, एस.पी. बटाला तेजबीर सिंह हुन्दल, एस.पी. जांच तरनतारन जगजीत सिंह वालिया, एस.डी.एम. तरनतारन रजनीश अरोड़ा, एस.डी.एम. बटाला बलविन्दर सिंह, एस.डी.एम. बाबा बकाला साहब सुमित मुद्ध, एकसाईज विभाग के अधिकारी एच.एस बाजवा और राजविन्दर कौर बाजवा भी शामिल थे।