फाजिल्का पुलिस द्वारा वकीलों के दबाव में किया गया पत्रकार पर झूठा पर्चा
अमृतसर, 28 जून (सोनी): शहीद भगत सिंह प्रैस एसोसिएशन (रजिः) पंजाब की तरफ से आज एक प्रैस कांफ्रैंस पत्रकार सुनील सैन पर बार कौंसिल फाजिल्का के दबाव में पुलिस की तरफ से नाजायज और झूठा पर्चा देने के चलते अमृतसर के एक होटल में की गई।
प्रैस कान्फ़्रेंस में प्रैस को जानकारी देते चेयरमैन अमरिन्दर सिंह, प्रधान रणजीत सिंह मसौण, वाइस प्रधान रजनीश कौंसिल और सलाहकार जोगा सिंह ने बताया गत रात्रि शहीद भगत सिंह प्रैस ऐसोसिएशन की ज़िला फाजिल्का इकाई के चेयरमैन सुनील सैन पर फाजिल्का सिटी पुलिस ने बार ऐसोसिएशन के दबाव में घर से लिजा कर और 2 घंटों के अंदर-अंदर बिना इंक्वायरी की किए एक झूठा केस दर्ज करके उसको गिरफ़्तार कर लिया। जो धाराएं पुलिस की तरफ से पत्रकार सुनील सैन पर लगाईं गई हैं उनके न पुलिस और न बार ऐसोशीएशन के पास कोई प्रमाण हैं।
वकील की फर्जी डिगरी का केस उठाने वाले वकील को बचाने के लिए एक ओर वकील ने पत्रकार सुनील सैन पर बार ऐसोसिएशन की मदद के साथ झूठा पर्चा दर्ज करवाया है। इससे सिद्ध होता है क्या लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया को लोगों की आवाज़ बुलंद करने से डरा धमका कर रखा जा सके। सुनील सैन ने सोशल मीडिया पर किसी की बातचीत एक ख़बर के ज़रिये चलाई थी जोकि एक पत्रकार का नैतिक कर्तव्य बनता है। जब आज सुबह पत्रकार सुनील सैन को अदालत में पेश किया जाना था तो फाजिल्का बार ऐसोसिएशन ने सभी वकीलों ने पत्रकार की वकालत करने से इन्कार कर दिया। जब किसी ओर शहर के वकील का प्रबंध किया गया तो उस वकील के बार कौंसिल के प्रधान के पास से फ़ोन करवा कर दबाव नीचे वकील को अदालत में पत्रकार सुनील सैन का वकालत नामा न देने दिया गया। जब सुनील सैन को अदालत में पेश किया गया तो अन्य शहर से आए वकील ने पत्रकार का केस लड़ने से इन्कार कर दिया। जब पत्रकार को अदालत में पेश किया गया तो लगभग बार कौंसिल फाजिल्का के 15 वकील अदालत के कमरो में पहुँचे और अदालत के काम में रुकावट पाई। जज साहिब की तरफ से पत्रकार को पूछा कि आपका वकील कहाँ है तो पत्रकार की तरफ से अपनी आप बीती बताई गई। बार कौंसिल की तरफ से पेश हुए वकील ने पत्रकार के पाँच दिन के रिमांड की माँग की।
बार कौंसिल फाजिल्का द्वारा इस तरह रिमांड की माँग की गई क्या यह पत्रकार नहीं बहुत बड़ा आतंकवादी पंजाब पुलिस ने ले पकड़ा हो। पुलिस थाना फाजिल्का की पुलिस एक मूक दर्शक बन कर तमाशा देखने वालों की तरह देखती रही। सारी घटना जानने के बाद जज साहिबान ने पत्रकार का रिमांड नहीं दिया और यह कह कर पत्रकार को 2 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया कि पत्रकार अपना वकील लेकर सोमवार को अदालत में पेश हो। यह पत्रकार भाईचारे की एकजुटता न होने का नतीजा है। पत्रकार भाईचारा अगर अभी भी इकट्ठा न हुआ तो इसके हर पत्रकार को गंभीर निष्कर्ष भुगतने पड़ेंगे।
शहीद भगत सिंह प्रैस ऐसोसिएशन ने इस सभी मामले को गंभीरता के साथ विचार विमर्श करने के बाद पूरे भारत के लिए पत्रकारिता के काले दिन की घोषणा की और फाजिल्का के एसएसपी हरजीत सिंह धालीवाल लोक संपर्क विभाग फाजिल्का के अधिकारी और एसएचओ बचन सिंह, थाना सिटी फाजिल्का के ख़िलाफ़ लिखित शिकायत डीजीपी पंजाब पुलिस को चण्डीगढ़ में जाकर उनके कार्यालय में देंगे और न्यायिक जांच की मांग की जाएगी।
इस मौके पत्रकार सन्नी सहोता, बलदेव राज, चरनजीत सिंह, सुनील कुमार, दलबीर सिंह भरोवाल, राजिन्दर बाठ, मनजीत सिंह, मुकेश मेहरा, गुरप्रीत सिंह, जतिन कुमार, विशाल शर्मा, किशन कुमार, अमरीक बल, मंगल सिंह, दलजीत सिंह, जगतार माहला, राजविन्दर हुन्दल, रजेश भट्टी, सुरजीत सिंह, मिंटू चेतनपुरा, वरिन्दर धुन्ना, जसविन्दर सिंह, सोनू नरूला, जगबीर सिंह, सुरिन्दर सिंह, सतिन्द्र अटवाल, राजेश पाठक, सुखबीर सिंह आदि उपस्थित थे।