पहली मौनसून की बरसात ने तार -तार किये निगम के नेताओं और आधिकारियों के दावे

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स्वच्छ भारत अभियान और स्मार्ट सीटी के खुली पोल
अमृतसर, 12 जुलाई (पवित्र जोत) – नगर निगम में बड़ी कुर्सियों पर बैठने वाले नेता के अधिकारी गुरू नगरी को साफ़ -सुथरा और ख़ूबसूरत बनाने के दावे करते हैं। परन्तु मौनसून की पहली बरसात के साथ ही नगर निगम के दावे हवा हवाई होते नज़र आए। शहर निवासियों और देश विदेशो से गुरू -घर आने वाली संगतो को मुश्किलों से बचाने के लिए पहले डी सिलटिंग करवा कर सिवरेज पाईपें और होदियों की सफ़ाई करवाई जाती थी। लोगों की मुश्किले नज़र अंदाज़ करते शहर के कई अलग अलग हिस्सों और अनेकों वार्डों बीच में से डी सिलटिंग नहीं करवाई गई। आधिकारियों की मानें तो मेन को साफ़ करवाया गया था। परन्तु दूसरे तरफ़ देखें शहर की शायद ही कोई ऐसी सड़क होगी जिस पर बरसात के पानी का छप्पड़ न बना हो। बरसात में पैदल चलना तो दूर की बात वाहनों का चलना भी मुशकल हो गया।
श्री दरबार साहिब की ओर जाते रास्ते और हेरिटेज स्ट्रीट भी पानी के साथ लबालब भरे नज़र आए। गुरूघर दर्शनों के लिए दूसरे शहर राज्य से आए लोग नगर निगम की घटिया कारगुज़ारी को कोसते हुए देखे गए। श्रद्धालुओं का कहना है कि श्री गुरु रामदास जी के पवित्र नगर अमृतसर श्रद्धा के साथ आते हैं। सड़कों पर ठहरे पानी में आना जाना मुश्किल हो रहा है। स्वच्छ भारत अभ्यान और स्मार्ट सीटी के अंतर्गत करोड़ों रुपए के प्रजैकट मिले हैं। जिसके साथ शहर को चार चाँद लगने चाहिए थे। परन्तु नगर निगम की कारगुज़ारी मौनसून की पहली बरसात ने जग जाहिर कर दी है। आधिकारियों की मानें तो तेज बरसात के चलते सिवरेज पाईपें पूरी तरह के साथ पानी के साथ भर जातीं हैं जिस से एक दो घंटे बाद ही पानी सिवरेज रास्ते निकल जाता है। परन्तु आधिकारियों की बातें भी बेबुनियाद साबित होती हैं क्योंकि बरसात बंद होने के कई घंटों बाद शाम तक भी पानी सड़को पर खड़ा रहा।

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